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हापुड़। बीमा राशि हड़पने के प्रयोजन से पिता की मृत्यु को दुर्घटना बताने के आरोप में पहले ही गिरफ्तार किए गए आरोपी विशाल कुमार के एक सहयोगी-रिश्तेदार की पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस का दावा है कि 27 मार्च को हुई कथित दुर्घटना के समय यही रिश्तेदार मृतक के साथ मौजूद था और साजिश में उसकी भी भागीदारी संदिग्ध है।
39 करोड़ के दावे ने उजागर की गुत्थी
मामला तब संज्ञान में आया जब मेरठ के गंगानगर निवासी विशाल ने अपने पिता मुकेश सिंघल की कथित सड़क दुर्घटना का हवाला देते हुए बीमा कंपनी में 39 करोड़ रुपये का दावा दायर किया था। कंपनी ने जब इस घटना की पड़ताल की तो कई अनियमितताएँ सामने आईं। नवजीवन अस्पताल गढ़ के मेडिकल रिकार्ड में हादसे का वक्त रात आठ माना गया था, जबकि मृतक के निधन की देरी और बाद में आनंद अस्पताल मेरठ का विवरण भी संदिग्ध पाया गया।
एक ही नाम पर कई पॉलिसियां, अस्पतालों से भी आशंकित जुड़ाव
जांच में यह भी पता चला कि मृतक के नाम पर लगभग आधा दर्जन बीमा पॉलिसियां थीं। बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि कुछ चिकित्सकीय रिर्पोट और अस्पताल रिकॉर्डों में असमंजस दिखा, जिससे शक हुआ कि क्लेम सूनियोजित तरीके से प्रस्तुत किया गया था। इस पर कंपनी ने मामले की शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।
पुलिस ने पहले कई आरोपियों को किया गिरफ्तार
एसपी के निर्देश पर सदर कोतवाली में शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ जांच प्रारम्भ की गई। पहले ही आरोपी पुत्र विशाल समेत दो आरोपियों को हिरासत में लिया जा चुका है। अब पुलिस खास तौर पर उस रिश्तेदार को पकड़ने पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है, जो घटना के दिन बाइक पर मृतक के साथ था।
नगर कोतवाली थाना प्रभारी देवेंद्र बिष्ट ने बताया कि फरार रिश्तेदार के संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। साथ ही उन अस्पतालों के रिकॉर्ड और स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है जिनका संबंध आसपास के रिकार्ड से जुड़ा पाया गया है। बिष्ट ने कहा, "जिस भी कड़ी से मामला जुड़ेगा, उसका भी खुलासा किया जाएगा।"
"हम मामले की हर बारीकी से जांच कर रहे हैं। आरोप सिद्ध होने पर कानूनी कार्रवाई न केवल गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ होगी, बल्कि जो भी इसमें मददगार निकलेगा, उसके विरुद्ध भी कठोर कदम उठाए जाएंगे।" — देवेंद्र बिष्ट, थाना प्रभारी, नगर कोतवाली
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