26 अगस्त को है हरितालिका तीज, सुहागिनें रखेंगी निर्जला व्रत


HALCHAL INDIA NEWS

हापुड़। सौभाग्य और पति की लंबी उम्र की कामना से जुड़ा हरितालिका तीज व्रत इस वर्ष 26 अगस्त, सोमवार को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जल रहकर दिनभर व्रत रखेंगी और रात्रि जागरण कर भगवान शिव व माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करेंगी।

इस व्रत का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यही वह दिन माना जाता है जब मां पार्वती ने कठोर तप करके शिवजी को अपने पति रूप में प्राप्त किया था। कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत को सुयोग्य जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए करती हैं।



शुभ योग में होगा व्रत

ज्योतिषाचार्य पं. संतोष तिवारी के अनुसार, सोमवार को दोपहर 1:54 बजे तक तृतीया तिथि रहेगी, जिसके बाद चतुर्थी प्रारंभ हो जाएगी। व्रत के दिन हस्त नक्षत्र और रवि योग का संयोग रहेगा, जो इसे और अधिक शुभ बनाता है।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जब तृतीया तिथि चतुर्थी से संलग्न हो तो हरितालिका व्रत विशेष फल देने वाला होता है।

पूजा की विधि

व्रती महिलाएं पूरे दिन निर्जल व्रत रखती हैं।

संध्या के समय भगवान शंकर-पार्वती का पूजन कर व्रत कथा सुनती हैं।

रात्रि में जागरण कर अगले दिन प्रात: बायना (श्रृंगार सामग्रियां) किसी सुहागिन महिला को देकर पारण करती हैं।

शिवजी के “ॐ नमः शिवाय” मंत्र और माता गौरी के मंत्रों का जाप व जलाभिषेक करना भी पुण्यदायक माना गया है।



पूजन में उपयोगी सामग्री

पूजन में कुमकुम, सिंदूर, हल्दी, बेलपत्र, नारियल, पान, फूल व श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित की जाती हैं। कुछ स्थानों पर गौरी-शंकर की मिट्टी या शिलारूपी प्रतिमा का पूजन भी किया जाता है।

व्रत का पुण्य फल

मान्यता है कि यह व्रत स्त्रियों को दीर्घ सौभाग्य प्रदान करता है और वैवाहिक जीवन में सुख, शांति व समृद्धि लाता है। माता पार्वती ने इस व्रत के प्रभाव से भगवान शिव को पति रूप में पाया, इसलिए यह व्रत विशेष फलदायक माना गया है।

 





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