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फसलें डूबने की कगार पर, कई घरों की नींव में भर रहा पानी
ब्रजघाट (हापुड़)। लगातार हो रही पर्वतीय वर्षा का असर अब मैदानों में भी दिखने लगा है। गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे खादर क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। सोमवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर ऊपर दर्ज किया गया, जिससे गांवों में पानी भराव और मकानों की नींव कमजोर होने की स्थितियां बनने लगी हैं।
फसलों पर संकट गहराया
खेतों में गंगा का पानी घुस जाने से कई स्थानों पर फसलें बर्बादी की ओर हैं। पशुओं के लिए चारा लाना भी ग्रामीणों के लिए भारी पड़ रहा है, क्योंकि कई रास्ते जलभराव के कारण अवरुद्ध हो चुके हैं। लठीरा के अजय कुमार और नया बांस के सुमित ने बताया कि गंगा का जलस्तर घटने की आस में ग्रामीण रोज प्रार्थना कर रहे हैं।
नींव में भर रहा पानी, मकानों पर खतरा
जलस्तर बढ़ने से कई घरों की नींव में पानी भर गया है, जिससे दीवारों में दरारें आना शुरू हो गई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जलस्तर और बढ़ा, तो मकानों को गंभीर नुकसान हो सकता है।
पिछले 24 घंटे में 13 सेंटीमीटर की वृद्धि
केंद्रीय जल आयोग के गेज रीडर आबाद आलम के अनुसार, सोमवार शाम गंगा का जलस्तर 199.13 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर ऊपर है। पिछले तीन दिनों से जलस्तर में मामूली गिरावट देखी जा रही थी, लेकिन सोमवार को फिर तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई।
प्रशासन अलर्ट मोड में, सर्वे की तैयारी
एसडीएम श्रीराम सिंह ने बताया कि तहसील प्रशासन की टीमें ग्रामीण इलाकों में हालात का जायजा ले रही हैं। उन्होंने कहा,
"जलस्तर में कमी आते ही प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कराया जाएगा और किसानों को मुआवजा दिलाने की कार्रवाई की जाएगी। जरूरतमंदों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।"
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