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ब्रजघाट। श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र मानी जाने वाली ब्रजघाट गंगानगरी को अब सुनियोजित ढंग से संवारा जाएगा। शासन ने इसके विकास के लिए तीन करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है, जिससे न केवल अतिक्रमण पर लगाम लगेगी बल्कि वर्षों से व्यवस्थित स्थान की बाट जोह रहे छोटे कारोबारियों को भी राहत मिलेगी। रविवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया।
श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर रहेगा विशेष ध्यान
गंगा तट पर प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु स्नान, मुंडन, पिंडदान और अस्थि विसर्जन के लिए पहुंचते हैं। धार्मिक अनुष्ठानों के लिए आवश्यक स्थान चिन्हित करने की योजना बनाई गई है, जिससे गंगा किनारे होने वाले धार्मिक क्रियाकलापों में कोई बाधा न आए। साथ ही प्रसाद, फूल, पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदारों को भी स्थायी व निर्धारित स्थल उपलब्ध कराए जाएंगे।
सुनियोजित ढांचा बनेगा पहचान
ब्रजघाट गंगानगरी दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-09) पर स्थित है और हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व राजस्थान समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से श्रद्धालु यहां आते हैं। पूर्णिमा, अमावस्या और विशेष मेलों के अवसर पर यहां लाखों की संख्या में भीड़ जुटती है, ऐसे में सुविधाओं का विकास अत्यंत आवश्यक हो गया है।
पिछली योजना अटकी, इस बार गंभीरता से काम
गौरतलब है कि पिछले वर्ष केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई दो करोड़ रुपये की राशि अतिक्रमण और प्रशासनिक दिक्कतों के चलते वापिस लौट गई थी। इस बार शासन से मिली तीन करोड़ की राशि से श्मशान घाट का सौंदर्यीकरण, चबूतरे और शेड आदि का निर्माण कराया जा रहा है। इसके अलावा आवागमन मार्ग और बैठने की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जाएगा।
"मिनी हरिद्वार" बनने की ओर बढ़ रहा ब्रजघाट
विगत वर्षों से ब्रजघाट को "मिनी हरिद्वार" के रूप में विकसित करने की चर्चाएं होती रही हैं, लेकिन व्यवस्थित विकास न होने के कारण यह गंगातट आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहा। अब शासन की ओर से ठोस बजट और स्पष्ट दिशा मिलने से क्षेत्रवासियों को उम्मीद है कि ब्रजघाट की तस्वीर बदलेगी।
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