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हापुड़। अब डाकघर में सेवाओं के लिए नकद भुगतान की अनिवार्यता खत्म हो गई है। डाक विभाग ने तकनीकी उन्नयन करते हुए उपभोक्ताओं को यूपीआई और क्यूआर कोड से भुगतान की सुविधा उपलब्ध करानी शुरू कर दी है। साथ ही डिजिपिन (Digital PIN) सेवा की शुरुआत से अब अधूरे या अस्पष्ट पते पर भी डाक और पार्सल समय पर पहुंच सकेंगे।
सॉफ्टवेयर अपग्रेड के बाद शुरू हुई नई सुविधा
डाक विभाग ने अगस्त के पहले सप्ताह में नया एडवांस सॉफ्टवेयर लागू किया था। शुरुआती दिनों में सर्वर स्लो होने से कुछ कार्य प्रभावित रहे, लेकिन अब व्यवस्थाएं सुचारू हो गई हैं। अब डाकघर में मनी ऑर्डर, रजिस्ट्री, पार्सल या स्पीड पोस्ट की फीस का भुगतान डिजिटल मोड में भी किया जा सकता है। उपभोक्ता काउंटर पर क्यूआर कोड स्कैन कर यूपीआई से सीधा भुगतान कर सकेंगे।
डिजिपिन से पते की परेशानी होगी खत्म
डाक विभाग ने एक और नवाचार करते हुए डिजिपिन सेवा शुरू की है। यह एक दस अंकों का यूनिक कोड होगा, जिससे किसी व्यक्ति के घर या कार्यालय की सटीक लोकेशन डाकिए को मिल सकेगी। इससे उन चिट्ठियों, पार्सलों और स्पीड पोस्ट को भी आसानी से डिलीवर किया जा सकेगा, जिनके पते अधूरे, अस्पष्ट या गलत होते हैं।
"डिजिपिन की मदद से अब डाकिया जीपीएस के माध्यम से गंतव्य तक आसानी से पहुंच सकेगा। यह व्यवस्था समय और संसाधनों की बचत करेगी।"
— श्रवण कुमार, पोस्टमास्टर, प्रधान डाकघर हापुड़
रिटर्न होने वाली डाक में आएगी कमी
अब तक बड़ी संख्या में ऐसे पार्सल और डाक वापस लौट जाते थे, जिनमें पूरा पता नहीं लिखा होता था। इससे उपभोक्ताओं को परेशानी होती थी और विभाग को भी राजस्व का नुकसान झेलना पड़ता था। डिजिपिन सेवा से यह समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी, क्योंकि इसमें लोकेशन आधारित सिस्टम से सीधी पहचान हो सकेगी।
मुख्य बातें संक्षेप में
✔ अब डाकघर में यूपीआई और क्यूआर कोड से पेमेंट की सुविधा
✔ डिजिपिन सेवा से अधूरे पते पर भी पहुंचेगा पार्सल
✔ GPS आधारित लोकेशन ट्रैकिंग से समय की होगी बचत
✔ रजिस्ट्री, मनी ऑर्डर, स्पीड पोस्ट के भुगतान में सुविधा
✔ तकनीकी उन्नयन से डाक सेवाएं होंगी अधिक प्रभावी
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