HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़, 10 अक्टूबर — रबी सीज़न की तैयारी के बीच खाद की आपूर्ति को लेकर भीषण विवाद खड़ा हो गया है। बदनौली स्थित बी‑पैक्स समिति पर आरोप है कि रात के अँधेरे में ट्रैक्टर‑ट्रॉली भरकर डीएपी खाद बाहर भेजी गई। घटना का पूरा क्रम इलाके के सीसीटीवी कैमरे में कैद पाया गया, जिसे लेकर गुरुवार को किसानों ने समिति पर जमकर हंगामा किया।
सूचना मिलने पर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और हालात को नियंत्रित किया। नाराज किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल ने बाद में डीएम कार्यालय पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज सौंप दी और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई की मांग उठाई।
मांगें और आरोप
किसानों का कहना है कि आलू की बोआई के समय डीएपी की मांग चरम पर है, जबकि विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि एक किसान को अधिकतम चार कट्टे ही दिए जाएँ। बावजूद इसके, आरोप है कि कुछ नामजद लोग रात में खाद लेकर बाहर भेज रहे हैं और इसे काला बाज़ार में ठेका दे रहे हैं।
बदनौली के स्थानीय नेता एवं किसान प्रतिनिधियों ने बताया कि वाल्मीकि जयंती के दिन समिति पर छुट्टी का हवाला दिया गया, पर उसी रात लगभग आठ बजे एक ट्रैक्टर‑ट्रॉली समिति से डीएपी भरकर निकलता दिखाई दिया। ट्रैक्टर की दिशा सरावा गांव की ओर देखी गई। ग्रामीणों ने पास के सीसीटीवी फुटेज निकालकर यह साक्ष्य इकट्ठा किया है।
किसान संगठनों की प्रतिक्रिया
भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के तहसील अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान डीएम कार्यालय पहुंचे। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि सीसीटीवी फुटेज की सीधी जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि सुस्पष्ट जांच नहीं हुई तो वे और तेज़ आंदोलन पर उतरेंगे।
प्रशासन की भूमिका और आगे की कार्रवाई
समिति व संबंधित अधिकारियों से प्रारंभिक बात‑चीत में कहा गया कि मामले की पड़ताल कर कार्यवाही की जाएगी। जिला प्रशासन ने कहा है कि उपलब्ध फुटेज के आधार पर जांच कराई जाएगी और यदि कोई लापरवाही या गड़बड़ी पाई जाती है तो सख्त कदम उठाए जाएंगे।
किसानों ने कहा कि समितियों में पारदर्शिता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जाए ताकि आवश्यकता वाले किसानों तक ही उचित मात्र में डीएपी पहुंचे और काला बाज़ार रोका जा सके।
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