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Saturday, August 23, 2025

ठेकेदार से रंगदारी मांगने, मारपीट और लूटपाट का आरोप



HALCHAL INDIA NEWS

कोर्ट के आदेश पर चार नामजद समेत छह के खिलाफ केस दर्ज, कार्रवाई की मांग तेज

शहर में एक ठेकेदार के साथ मारपीट और लूटपाट का गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है कि रंगदारी न देने पर कुछ लोगों ने ठेकेदार के कार्यालय में घुसकर न केवल उसकी पिटाई की, बल्कि सोने की चेन और नकदी भी छीन ली।

मामले में पीड़ित ने जब पुलिस में सुनवाई न होते देखी, तो न्यायालय की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर चार नामजद और दो अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

 


लंबे समय से मांग रहे थे रंगदारी, धमकी भी दी

बैंक कॉलोनी निवासी विजय कुमार, जो तारकोल सप्लाई और ठेकेदारी का काम करते हैं, का आरोप है कि कुछ स्थानीय युवकों द्वारा उनसे एक लाख रुपये की अवैध वसूली की मांग की जा रही थी।

आरोप है कि चमरी रोड निवासी आशीष, आदर्शनगर कॉलोनी निवासी दीपक सागर, रवि उर्फ रविंद्र, और सचिन बैटरी लंबे समय से विजय पर दबाव बना रहे थे कि वह उन्हें रकम दें, नहीं तो झूठे केस में फंसाने और जान से मारने की धमकी दी गई।

सोशल मीडिया पर किया चरित्र हनन

पीड़ित के मुताबिक आरोपियों ने कुछ स्थानीय युवकों की मदद से उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर बदनाम करने की भी कोशिश की। यही नहीं, उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा भी न्यायालय में दायर किया गया।



ऑफिस में घुसकर हमला, चेन और कैश छीना

पीड़ित ने बताया कि 30 जुलाई की सुबह आरोपी जबरन उनके ऑफिस में घुस आए और तोड़फोड़ करते हुए उनकी पिटाई कर दी। इस दौरान उनकी सोने की चेन और हजारों रुपये नकद भी छीन लिए गए।

पीड़ित ने कई बार स्थानीय पुलिस से शिकायत की, लेकिन कार्रवाई न होने पर उन्होंने कोर्ट का रुख किया, जहां से एफआईआर दर्ज करने का आदेश मिला।

पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज, जांच जारी

सीओ जितेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर आशीष, दीपक सागर, रवि उर्फ रविंद्र, सचिन बैटरी और दो अज्ञात लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

उन्होंने कहा कि "मामले की जांच की जा रही है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

 


कानूनी कार्रवाई की आस में पीड़ित, न्याय की मांग

विजय कुमार ने कहा कि वह कानून में भरोसा रखते हैं, लेकिन पुलिस की ओर से तत्काल कार्रवाई न होने से वह न्यायालय की शरण में गए। उन्हें उम्मीद है कि अब दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी और न्याय मिलेगा।

निष्कर्ष:

यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या आम आदमी को न्याय पाने के लिए हर बार अदालत का सहारा लेना पड़ेगा? प्रशासनिक निष्क्रियता और दबंगों की हिम्मत आम जनता की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है।

 




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