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गढ़मुक्तेश्वर। कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व के लिए तैयारियां अब धरातल पर दिखने लगी हैं। गढ़गंगा में लगने वाले ऐतिहासिक मेले की व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। इसी क्रम में मेला क्षेत्र में खड़ी गन्ने की फसल को हटाने का कार्य किसानों द्वारा शुरू कर दिया गया है।
प्रशासन की ओर से आवागमन के रास्ते और अस्थायी निर्माणों के लिए मेला क्षेत्र को शीघ्र खाली कराने के निर्देश दिए गए हैं। संबंधित किसानों को सूचित किया गया, जिसके बाद फसल की कटाई का कार्य आरंभ हो गया है। यह फसल उन क्षेत्रों में खड़ी है, जहाँ से होकर श्रद्धालुओं का आना-जाना होगा या जहां मेला गतिविधियाँ संचालित होंगी।
ब्रजघाट में दीपदान, पांच नवंबर को मुख्य स्नान
इस बार कार्तिक पूर्णिमा का पावन स्नान पांच नवंबर को निर्धारित है, जबकि इससे एक दिन पूर्व यानी चार नवंबर की रात को ब्रजघाट पर दीपदान पर्व आयोजित किया जाएगा। दीपावली के तुरंत बाद से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जाएगा और मेला क्षेत्र में रौनक बढ़ने लगेगी।
मेरठ सेक्टर की ओर बनेगा मुख्य घाट
प्रशासन की योजना के अनुसार, इस बार मुख्य स्नान घाट मेरठ सेक्टर की दिशा में स्थापित किया जाएगा। इस स्थान को सुविधाजनक मानते हुए यहाँ व्यापक इंतजाम किए जाएंगे। सदर क्षेत्र और मुख्य बाजारों में इस बार गन्ने की फसल नहीं है, जिससे वहां व्यवस्थाओं में कोई अड़चन नहीं आएगी।
हालांकि कई मार्गों के किनारे अभी भी गन्ने की खड़ी फसल है, जिसे हटाया जाना आवश्यक है। किसानों ने इसमें सहयोग करते हुए स्वयं कटाई शुरू कर दी है।
प्रशासन सतर्क, व्यवस्थाएं होंगी सुदृढ़
एसडीएम श्रीराम सिंह ने बताया कि मेला क्षेत्र को शीघ्र खाली कराया जा रहा है। गन्ने की कटाई शुरू हो चुकी है और जल्द ही पूरे क्षेत्र को साफ कर अस्थायी ढांचे तैयार किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बार श्रद्धालुओं की सुरक्षा, स्वच्छता और यातायात की सुचारु व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सजग है।
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