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कार्तिक पूर्णिमा गंगा मेले के लिए 5.11 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया; लगभग 3.40 करोड़ की उम्मीद


HALCHAL INDIA NEWS

हापुड़ : गढ़मुक्तेश्वर के गंगाघाट पर आयोजित होने वाले वार्षिक कार्तिक पूर्णिमा मेले की तैयारियों के लिए प्रशासन ने शासन को ₹5.11 करोड़ की मांग भेजी है। हालांकि विभागीय सूत्रों के अनुसार इस बार केंद्र/राज्य स्तर से लगभग ₹3.40 करोड़ के बजट के इर्द‑गिर्द स्वीकृति मिलने की संभावना जताई जा रही है।

प्रशासन ने कहा है कि मेले में आने वाले भारी भीड़‑भाड़ और श्रद्धालुओं की सुरक्षा, साफ‑सफाई, पेयजल, प्रकाश व्यवस्था तथा यातायात सुचारु करने के मद्देनज़र विस्तृत खर्च का अनुमान तैयार कर शासन को प्रस्तुत किया गया है। अनुमान है कि इस बार भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान से बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेंगे — औपचारिक आंकड़ों के अनुसार करीब 25 लाख लोग मेला क्षेत्र का रुख कर सकते हैं।

मेले के आयोजन की तिथि अक्तूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर नवंबर के प्रथम सप्ताह तक रखी गई है। आयोजन के दौरान घाटों पर स्नान, पूजन‑प्रसाद और पंडाल व्यवस्था के साथ साथ सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विशेष इंतजाम करना आवश्यक माना जा रहा है। इसलिए प्रस्ताव में अस्थायी शौचालय, पेयजल टैंकर, आपातकालीन मेडिकल कैंप, अतिरिक्त विद्युत संयंत्र और प्रकाश व्यवस्था सहित कैमरा निगरानी के खर्चे शामिल किए गए हैं।

जिला पंचायत के अपर मुख्य कार्यकारी शिशुपाल शर्मा ने कहा, "प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है और टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। बजट की आधिकारिक मंजूरी मिलते ही उपकरण तथा संसाधन ऑन‑ग्राउंड भेजने की कार्रवाई तेज कर दी जाएगी। हमने आयोजन को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए सभी आवश्यक तैयारियाँ पहले से शुरू कर दी हैं।"

शासन से पूरी मांग न मिलने की संभावना पर अधिकारियों ने कहा कि उपलब्ध बजट के हिसाब से प्राथमिकताएँ तय कर के आवश्यक व्यवस्थाओं को क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि अगर आवंटन कम हुआ तो स्थानीय संसाधनों और अनुदान के विकल्पों पर भी विचार किया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं को मूल सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जा सकें।

पिछले वर्षों के अनुभव के आधार पर अधिकारियों ने सड़क मार्गों पर यातायात प्रबंध, अस्थायी पार्किंग, भीड़ नियंत्रण के लिए बैरिकेडिंग और आपातकालीन निकासी मार्गों को प्राथमिकता दी है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी तरह की त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध करायी जा सके।

                              

स्थानीय व्यापारी और श्रद्धालु इस मेले को आर्थिक व धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हैं। व्यापारियों का मानना है कि मेला क्षेत्र में बढ़ी हुई भीड़ से आर्थिक गतिविधियों को लाभ मिलता है, परंतु वे चाहते हैं कि सरकार की ओर से समय पर बजट और सुविधाएँ सुनिश्चित हों ताकि आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हो सके।

प्रशासन ने लोगों से अनुरोध किया है कि मेले के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग करें और अधिक संख्या में आने पर प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। आगामी कुछ दिनों में तरजीही धनराशि की आधिकारिक सूचना मिलने के बाद संबंधित विभागों द्वारा कार्यों के लिए शीघ्रता से जारी किया जाएगा।