HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़। लगातार हो रही जोरदार बारिश और तेज हवाओं ने जिले के कई किसानों की फसलें बर्बाद कर दी हैं। खेतों में जलभराव के चलते धान, दलहन और बंद गोभी सहित सब्जियों को व्यापक नुकसान पहुंचा है। आलू की बुआई भी प्रभावित होने से करीब दो सप्ताह तक पिछड़ सकती है, जबकि गन्ने के खेतों में भी बड़े पैमाने पर फसलें झुक गई हैं।
जिले में इस साल लगभग 30 हजार हेक्टेयर में धान की खेती की गई थी, जिनमें से करीब 40 प्रतिशत अभी खेतों में खड़ी है। सोमवार-रविवार की रातों में हुई तेज बरसात और ठंडी हवाओं ने तैयार धान को झकझोर दिया, कई स्थानों पर कटे हुए धान जलमग्न हो गए। इसके अलावा बंदगोभी की फसल बेमौसम बारिश की वजह से दूसरी बार बरबाद हुई है।
कृषि मंडी में भी असर दिखा — मंगलवार को धान की आवक सामान्य मात्रा से लगभग 80 प्रतिशत तक घट गई, जिससे व्यापारियों और किसानों दोनों को आर्थिक चिंता सता रही है।
दलहन पर बड़ा झटका
किसानों ने मूंग और उड़द की बुआई की थी, जिन पर फूल आ रहे थे; परंतु लगातार बारिश ने इन फूलों को प्रभावित कर दिया है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार दलहन उत्पादन में करीब 60 प्रतिशत तक की गिरावट का खतरा बना हुआ है। साथ ही धनिया, तोरई व टमाटर जैसी फसलों को भी नुकसान पहुंचा है।
आलू और गन्ने की स्थिति
खेतों में पानी भरे रहने के कारण नई आलू की बुआई विलंबित हो रही है — कृषि विशेषज्ञों का अनुमान है कि बुआई करीब दो सप्ताह तक पीछे जा सकती है। तेज हवा के चलते गन्ने के अधिक हिस्से झुक गए हैं, जिससे कटाई और परिवहन में भी दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
कृषि अधिकारी की चेतावनी व सलाह
जिला कृषि अधिकारी गौरव प्रकाश ने कहा, “इन दिनों की भारी वर्षा से खेतों में खड़ी फसलों की तुलना में कटे-पड़े फसलों को अधिक नुकसान होता है। किसान जलभराव रोकने के उपाय करें और जिन किसानों ने फसल बीमा कराया है, वे तत्काल शिकायत दर्ज कराएं।” उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से जल निकासी व्यवस्था तेज करने और किसानों को आवश्यक मार्गदर्शन देने के निर्देश भी दिए हैं।
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