HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़। जिले के मॉडल गांवों की जमीनी हकीकत विकास के दावों पर सवाल खड़े कर रही है। कई गांवों में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है, कूड़ा प्रबंधन ठप पड़ा है और डोर-टू-डोर कचरा उठान भी नहीं हो रहा। आरआरसी सेंटर बंद हैं और कई जगहों पर पंचायत सचिवालय तक बदहाल स्थिति में पहुंच चुके हैं। रास्तों पर झाड़ियां, गंदगी और कूड़े के ढेर आम दृश्य बन गए हैं।
सबली: लाखों रुपये खर्च, लेकिन हालात बदतर
मुख्यालय के पास स्थित सबली गांव पर वर्ष 2024-25 में लगभग 73.90 लाख रुपये विकास कार्यों पर खर्च किए गए, लेकिन गांव की तस्वीर इससे बिल्कुल विपरीत है। पंचायत सचिवालय लंबे समय से बंद पड़ा है, यहां लगा हैंडपंप खराब है और शौचालय भी जर्जर अवस्था में हैं। सचिवालय परिसर में बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई हैं। गांव के कई रास्तों पर कचरा बिखरा पड़ा है।
अच्छेजा: अमृत सरोवर पार्क उपेक्षा का प्रतीक बन गया
अच्छेजा गांव में 2022-23 में अमृत सरोवर पार्क पर लाखों रुपये खर्च कर निर्माण कराया गया था, परंतु आज यह पार्क पूरी तरह उपेक्षित है। सरोवर तक जाने वाला रास्ता टूट चुका है और झाड़ियों से ढका हुआ है। पार्क में लगी लाइटें खराब हो चुकी हैं। ग्रामीणों के अनुसार शाम होते ही यह स्थान शराबियों का ठिकाना बन जाता है, जिससे सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं हैं।
सौलाना: विकास बजट होने के बावजूद व्यवस्था ठप
धौलाना ब्लॉक के सौलाना गांव में भी हालात ठीक नहीं हैं। वर्ष 2024-25 में यहां के विकास पर लगभग 27 लाख रुपये खर्च हुए, फिर भी कई हैंडपंप खराब हैं और रास्तों पर गंदगी फैली है।
प्रशासन का दावा सुधार के प्रयास जारी
डीपीआरओ शिवबिहारी शुक्ला ने बताया कि सबली गांव के पंचायत सचिवालय को जल्द ही शुरू कराया जाएगा। कर्मचारियों की कमी के कारण कूड़ा कलेक्शन प्रभावित हुआ है, लेकिन सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। जहां भी हैंडपंप खराब हैं, उन्हें ठीक कराया जाएगा।


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