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हापुड़ : परतापुर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय के औचक निरीक्षण में कई गंभीर अनियमितताएं मिलते ही बेसिक शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपना लिया। बच्चों की परीक्षा उत्तर पुस्तिकाओं के रद्दी में बिकने और उपस्थिति व मिड‑डे मील (एमडीएम) पंजिकाओं में पाई गई विसंगतियों के बाद बीएसए ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रधानाध्यापक व एक सहायक अध्यापिके का वेतन रोक दिया है।
बीएसए रितु तोमर ने सोमवार को विद्यालय का निरीक्षण किया। विद्यालय रिकार्ड का मिलान करने पर पता चला कि कुल नामांकित 82 विद्यार्थियों के मुकाबले उस दिन केवल 46 को उपस्थित दर्शाया गया था, जबकि पिछले कुछ दिनों की उपस्थिति में क्रमशः 63, 55, 67 नाम दर्ज थे। दूसरी ओर एमडीएम पंजिका में बच्चों की संख्या अधिक दर्शाई जाने से भोजन वितरण में गड़बड़ी की आशंका बनी है।
निरीक्षण के दौरान जब प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिकाओं के बारे में पूछा गया तो प्रधानाध्यापक ने बताया कि कुछ उत्तर पुस्तिकाएं सफाई के दौरान रद्दी के रूप में बेच दी गईं। इस उत्तर से निरीक्षकों में नाराज़गी हुई और मामला गम्भीर माना गया। इसके अलावा शिक्षकीय डायरी व उपस्थिति पंजिकाओं की व्यवस्थित जांच न किये जाने, इंचार्ज अध्यापक द्वारा सत्यापन का अभाव तथा सहायक अध्यापिका राजबाला की अनुपस्थिति भी रिपोर्ट में दर्ज हुई है।
विद्यालय परिसर में साफ‑सफाई, शौचालय की बदहाली और जलापूर्ति में कमी जैसी व्यवस्थागत कमियाँ भी निरीक्षण में सामने आईं। बीएसए ने कहा कि इन दोषों की पड़ताल कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और यदि आवश्यक हुआ तो उच्चतर प्राधिकरण को रिपोर्ट भेजी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्राथमिकता के साथ सत्यापन कराकर एमडीएम व उपस्थिति रिकॉर्ड का मिलान कराया जायेगा ताकि किसी प्रकार की अनियमितता बरकरार न रहे।
"विद्यालय में पाई गई लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों के वेतन रोक दिये गये हैं और विस्तृत जांच के बाद आगे की काटनी कार्रवाई की जाएगी," — रितु तोमर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों ने कहा है कि जांच पूरी होने तक और रिपोर्ट मिलने पर दोषियों के खिलाफ नियमों के अनुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी और बच्चों के हित में व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
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