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ठंड बढ़ी, बेघरों की मुश्किलें गहराईं… रैन बसेरों की व्यवस्था अब भी अधर में


HALCHAL INDIA NEWS

हापुड़। रात का पारा लगातार गिर रहा है और तापमान करीब 10 डिग्री तक पहुंच चुका है, लेकिन बेघर लोगों के लिए की जाने वाली व्यवस्थाएं अब भी लापरवाही की भेंट चढ़ी हुई हैं। शहर की सड़कों पर कई जरूरतमंद लोग कंबल ओढ़कर डिवाइडर और फुटपाथों पर रात गुजारने को मजबूर हैं।

स्थिति इतनी खराब है कि कुछ लोग ठंड से बचने के लिए सड़क किनारे पड़े कूड़े या सूखी लकड़ियों में आग जलाकर खुद को गर्म रखने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें राहत नहीं मिल पा रही। नगर पालिकाएं हर वर्ष ठंड के मौसम में रैन बसेरे स्थापित करती हैं—हापुड़ में रेलवे स्टेशन के पास और अतरपुरा चौपला पर वाटरप्रूफ तंबू लगाने के लिए लगभग 20 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं—लेकिन इस बार अभी तक इन व्यवस्थाओं का कोई ठोस स्वरूप मैदान में नहीं दिख रहा।

रात के वक्त सड़क पर खड़े होकर थोड़ी देर बिताना भी मुश्किल हो रहा है, ऐसे में जो लोग पूरी रात खुले आसमान के नीचे बिताते हैं, उनकी परेशानी स्वाभाविक है। इसके बावजूद प्रशासनिक तैयारियां बेहद धीमी दिखाई दे रही हैं, मानो कड़कड़ाती ठंड का इंतजार हो।

शहर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, गोल मार्केट और अतरपुरा चौपला जैसे स्थानों पर रोजाना कई बेसहारा लोग फुटपाथ पर सिकुड़कर सोते मिल जाते हैं। इन्हें रैन बसेरों की तत्काल जरूरत है, पर व्यवस्था अभी भी शुरू नहीं हो सकी है।

“रैन बसेरे स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। जल्द ही इन्हें चालू कर दिया जाएगा।” — संदीप कुमार, एडीएम